- गुरु-शिष्य परंपरा के संवर्धन हेतु वित्तीय सहायता (रेपर्टरी अनुदान) प्राप्त करने वाली नाटक मंडलियों से यह अपेक्षा की जाती है कि उनके पास पर्याप्त संख्या में और गुणवत्ता परक रंगपटल मौजूद हों और वे अखिल भारतीय स्तर पर प्रदर्शन कर रही हों।
- वे अनुदानग्राही जो गुरु-शिष्य परंपरा के संवर्धन हेतु वित्तीय सहायता (रेपर्टरी अनुदान) प्राप्त कर रहे हैं, उनके लिए गुरु-शिष्य परंपरा के संवर्धन हेतु वित्तीय सहायता (रेपर्टरी अनुदान) के नवीकरण की सिफारिश तभी की जाएगी,
जब वित्त वर्ष के दौरान के कम से कम दो प्रस्तुतियों का मंचन करें। इन दोनों में से कम से कम एक प्रस्तुति नई अर्थात जो पहले मंचित न की गई हो, होनी चाहिए।
- गुरु-शिष्य परंपरा के संवर्धन हेतु वित्तीय सहायता (रेपर्टरी अनुदान) की समीक्षा इस उद्देश्य के लिए गठित विशेषज्ञ समिति द्वारा वार्षिक रूप से की जाएगी।
- संगठन एक वित्तीय वर्ष में केवल एक ही अनुदान के लिए पात्र होंगे।
- गुरु-शिष्य परंपरा के संवर्धन हेतु वित्तीय सहायता (रेपर्टरी अनुदान) को जारी रखने के लिए प्रत्येक चार वर्ष बाद वास्तविक सत्यापन आवश्यक होगा।
- गुरु-शिष्य परंपरा के संवर्धन हेतु वित्तीय सहायता (रेपर्टरी अनुदान) का संवितरण, अनुदान का नवीकरण करने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करते समय निम्नलिखित शर्तों को पूरा करने पर एक किस्त में जाएगा :-
(क) जिन संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है, वे अपने आसपास के किसी भी स्कूल में कम से कम 02 सांस्कृतिक कार्यकलाप (समारोह, व्याख्यान, सेमिनार, कार्यशाला, प्रदर्शनी आदि) अनिवार्य रूप से आयोजित करेंगे। अनुदान के नवीकरण और उसे जारी करने के लिए स्कूल के प्रधानाचार्य से इस आशय का एक प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से अपेक्षित होगा।
(ख) गुरु-शिष्य परंपरा के संवर्धन हेतु वित्तीय सहायता (रेपर्टरी अनुदान) प्राप्त कर रहे संगठनों द्वारा अपने निर्माण/कार्यक्रम/संगोष्ठी आदि के वीडियो यू ट्यूब पर अपलोड करने अपेक्षित होंगे तथा उन्हें संस्कृति मंत्रालय के यू ट्यूब/फेसबुक/ट्विटर पेज तक पहुंचने का लिंक प्रदान करना होगा और यह गुरु-शिष्य परंपरा के संवर्धन हेतु वित्तीय सहायता (रेपर्टरी अनुदान) के नवीकरण के लिए पूर्वापेक्षित शर्त है तथा उनके द्वारा अपलोड किये गए वीडियो/सामग्री पर आम जनता से प्राप्त टिप्पणियों को भी गुरु-शिष्य परंपरा के संवर्धन हेतु वित्तीय सहायता (रेपर्टरी अनुदान) के नवीकरण के लिए ध्यान में रखा जाएगा।