योजना इंटरनेशनल कल्चरल रिलेशन बढ़ावा देने के लिए

अंतरराष्‍ट्रीय सांस्‍कृतिक संबंधों के संवर्धन की स्‍कीम

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संस्‍कृति मंत्रालय का उद्देश्‍य सांस्‍कृतिक करारों और सांस्‍कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों के माध्‍यम से भारत तथा विश्‍व के विभिन्‍न देशों के बीच सांस्‍कृतिक संबंधों को विकसित करना और भारतीय संस्‍कृति का प्रसार करना है। अंतरराष्‍ट्रीय सांस्‍कृतिक संबंधों की स्‍कीम का उद्देश्‍य विदेशों में भारतीय संस्‍कृति के विभिन्‍न रूपों के प्रति जागरूकता पैदा करना और उसका प्रसार करना है। इस प्रयोजन से यह स्‍कीम संगोष्ठियों, महोत्‍सवों, प्रदर्शनियों आदि के लिए सांस्‍कृतिक विषयों पर कलाकारों और सांस्‍कृतिक व्‍यावसायिकों को वित्‍तीय सहायता प्रदान करने का प्रस्‍ताव देती है ताकि भारतीय संस्‍कृति के प्रति जागरूकता कायम हो और विदेशी नागरिक भारतीय संस्‍कृति के बारे में कुछ सीख सकें। इसमें उन विदेशी कलाकारों और छात्रों को वित्‍तीय सहायता प्रदान करने का भी एक घटक मौजूद है जो भारतीय संस्‍कृति या कला रूप या संगीत, नृत्‍य, चित्रकारी आदि का अध्‍ययन करने के इच्‍छुक हैं। यह स्‍कीम विभिन्‍न संगठनों द्वारा अंतरराष्‍ट्रीय और देशी मेलों एवं अंतरराष्‍ट्रीय कार्यक्रमों में भागीदारी के लिए वित्‍तीय सहायता भी प्रदान करती है।

सेमिनारों, महोत्‍सवों और सांस्‍कृतिक विषयों के लिए विदेश जाने वाले कलाकारों और सांस्‍कृतिक व्‍यावसायिकों हेतु वित्‍तीय सहायता।

इस स्‍कीम के भाग के तहत, विदेशों में प्रदर्शन/ सहभागिता के लिए भारतीय संस्‍कृति के विभिन्‍न पहलुओं पर आयोजित किए जाने वाले सेमिनारों, अनुसंधान, कार्यशालाओं, महोत्‍सवों और प्रदर्शनियों आदि के लिए एवं भारत की समृद्ध और विविध संस्‍कृति को प्रदर्शित करने के लिए कलाकारों को यात्रा व्‍यय में सहायता प्रदान की जाती है जिससे, आगे भी विदेशों में भारतीय संस्‍कृति का संवर्धन करने में सहायक सिद्ध होगा।

लक्ष्‍य / लाभ

विदेशों में प्रदर्शन / सहभागिता के लिए भारतीय संस्‍कृति के विभिन्‍न पहलुओं पर आयोजित किए जाने वाले सांस्‍कृतिक कार्यकलापों, सेमिनारों, अनुसंधान, कार्यशालाओं, महोत्‍सवों, प्रदर्शनियों आदि हेतु विदेश जाने के लिए कलाकारों की सहायता के लिए यात्रा संबंधी वित्‍तीय सहायता प्रदान करने का प्रस्‍ताव है। तथापि, यह स्‍कीम उन संगठनों या संस्‍थानों के लिए नहीं है जो धार्मिक संस्‍थानों के रूप में कार्य कर रहे हैं।

पात्रता

  1. सोसाइटियों, न्‍यासों, गैर सरकारी संगठनों और विश्‍वविद्यालयों जैसे ‘गैर-लाभकारी संगठनों’ सहित व्‍यक्ति एवं समूह।
  2. आवेदन की तारीख से कम से कम 5 वर्ष पूर्व से ही संस्‍कृति के क्षेत्र से संबंधित कार्यकलापों में कार्यरत व्‍यक्ति। इनके पास यूआईडी नम्‍बर / आधार कार्ड होना चाहिए।
  3. सोसाइटियां, न्‍यास, गैर सरकारी संगठन और विश्‍वविद्यालय पंजीकृत होने चाहिए एवं इनका एक समुचित रूप से गठित शासी निकाय तथा स्‍पष्‍ट रूप से निर्धारित प्रकार्यात्‍मक दायित्‍व/ संगम ज्ञापन होना चाहिए।
  4. एक समूह में से केवल 5 कलाकारों को शामिल किया जाएगा।
  5. अनुदान की अपेक्षा रखने वाले व्‍यक्ति/ गैर सरकारी संगठन / संस्‍थान / न्‍यास एक वित्‍त वर्ष में एक ही अनुदान प्राप्‍त करने के पात्र होंगे। यदि, इसी कार्यकलाप के लिए, चालू वित्‍त वर्ष के दौरान किसी अन्‍य सरकारी संगठन/ निजी संस्‍थान से प्राप्‍त किया जाता है, तो उस अनुरोध पर विचार नहीं किया जाएगा।

सहायता राशि की मात्रा

  1. केवल 75,000/-रु. की उच्‍चतम सीमा या वास्‍तविक हवाई यात्रा किराए के इकॉनॉमी क्‍लास हवाई टिकट की ही प्रतिपूर्ति की जाएगी बशर्तें कि बाकी सभी मानदंड पूरे हों।
  2. इस अनुदान के तहत केवल हवाई यात्रा किराए का ही भुगतान किया जाएगा तथा वीज़ा शुल्‍क या पंजीकरण शुल्‍क जैसे किसी अन्‍य शुल्‍क का भुगतान नहीं किया जाएगा। आवेदक से किसी सरकारी संगठन या निजी संस्‍थान का इसी प्रयोजन के लिए वित्‍तीय सहायता की प्राप्ति / गैर प्राप्ति संबंधी प्रमाण-पत्र अपेक्षित है। यदि अनुदान प्राप्‍त कर रहे हों तो आवेदक : (क) उसका विवरण तथा (ख) संस्‍वीकृत राशि, यदि कोई हो उपलब्‍ध करवाएं।
  3. वित्‍तीय सहायता के लिए अनुमोदन/ संस्‍वीकृति पत्र भावी यात्रा से पहले ही जारी कर दिया जाएगा। यात्रा समाप्ति के बाद किसी व्‍यक्ति द्वारा कार्यक्रम में भाग लेने के पश्‍चात, भारत लौटने पर तथा मूल रूप में टिकट, वाउचर और बोर्डिंग पास उपलब्‍ध करवाने पर प्रतिपूर्ति आधार पर वास्‍तविक भुगतान किया जाएगा। यात्रा के बाद प्रस्‍तुत दस्‍तावेज को अनुमोदन पत्र के साथ अग्रेषित किया जाएगा।

आवेदन प्रक्रिया

  1. आवेदन संबंधी निर्णय मामला दर मामला आधार तथा पहले आओ पहले पाओ आधार पर बजट उपलब्‍धता के अनुसार लिया जाएगा।
  2. आवेदन पत्र यात्रा / कार्यक्रम से तीन माह पूर्व प्राप्‍त हो जाने चाहिए।
  3. इस स्‍कीम के तहत वित्‍तीय सहायता का आवेदन करने वाले इच्‍छुक व्‍यक्ति/ संगठन, अनुलग्‍नक । और ।। जैसा भी लागू हो पर दिए गए मंत्रालय के निर्धारित प्रारूप में आवेदन भिजवाएंगे।
  4. संस्‍कृति मंत्रालय की वेबसाइट और साथ ही साथ प्रिंट मीडिया, दोनों पर ही वार्षिक रूप से एक विज्ञापन दिया जाएगा। आवेदन वित्‍त वर्ष के दौरान किसी भी समय प्रस्‍तुत किया जा सकता है।
  5. प्रत्‍येक तिमाही की निर्धारित तारीख को, संबंधित संयुक्‍त सचिव की अध्‍यक्षता में गठित एक समिति द्वारा सभी प्रकार से पूरे आवेदन पत्रों पर विचार किया जाएगा ताकि प्राप्‍त आवेदनों/ प्रस्‍तावों पर निर्णय लिया जा सके।

मंत्रालय केवल पूर्ण आवेदन पत्रों को ही आगे बढ़ाएगा तथा कार्यक्रम की निर्धारित तारीख से पहले, चयनित आवेदक को अंतिम निर्णय की सूचना देगा तथा तत्‍पश्‍चात अपेक्षित औपचारिकताओं के पूरा होने पर यह अनुदान जारी कर दिया जाएगा।

आवेदन पत्र के साथ संलग्‍न किए जाने वाले दस्‍तावेज़

  1. व्‍यक्तियों के मामले में, उनके शैक्षिक अभिलेख एवं कार्य अनुभव तथा राजपत्रित अधिकारी द्वारा विधिवत सत्‍यापित चरित्र प्रमाण-पत्र।
  2. संस्‍थान /संगठन / एनजीओ द्वारा आवेदन के मामले में संगठन का संघटन और पंजीकरण विवरण, संगठन की संभावनाएं, संगम ज्ञापन, संगठन के नियम और विनियम, प्रत्‍येक सदस्‍य के विवरण सहित बोर्ड/ प्रबंधन का संघटन। यदि आवेदक एक पंजीकृत एनजीओ है, तो भारत सरकार के पंजीकरण प्रमाण-पत्र की प्रति।

    गत तीन वर्ष में संस्‍कृति के क्षेत्र में किए गए कार्यकलापों की रिपोर्ट।

  3. प्रायोजित किए जाने वाले व्‍यक्ति का आधार / यूआईडी नंबर भी प्रस्‍तुत किया जाएगा।
  4. आवेदक या संगठन का आय और व्‍यय विवरण तथा किसी सनदी लेखाकार या सरकारी लेखा-परीक्षक द्वारा प्रमाणित की गई गत तीन वर्ष की बैलेंस शीट की प्रति। एनजीओ/ न्‍यासों से आवेदन के मामले में, 3 वर्षों की लेखा-परीक्षा तथा संस्‍कृति के क्षेत्र में 3 वर्षों के कार्यकलापों सहित वार्षिक रिपोर्ट भी प्रस्‍तुत की जाए।
  5. संस्‍वीकृत निधियों का इलैक्‍ट्रॉनिक अंतरण सुनिश्चित करने के लिए बैंक खाते का विवरण।
  6. मेजबान संगठन की ओर से निमंत्रण पत्र जिसे विदेश में भारतीय मिशनों के माध्‍यम से भिजवाया जाएगा या कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भारतीय मिशनों की ओर से एक संस्‍तुति पत्र।
  7. उस कार्यक्रम का संक्षिप्‍त विवरण जिसके लिए सहायता का अनुरोध किया गया है, उसकी अवधि, स्‍थान, यात्रा की संभावित या तय तारीखों सहित। यदि उपलब्‍धता हो तो टिकट की अनुमानित लागत का उल्‍लेख करें। सेमिनार या सम्‍मेलन के लिए सहायता के इच्‍छुक आवेदक उस पत्र या उसका सारांश प्रस्‍तुत करें जिसे प्रस्‍तुत करने का प्रस्‍ताव हो।

किस्‍तें

यात्रा के पूरा होने पर तथा टिकट, वाउचर और बोर्डिंग पास मूल रूप में प्रस्‍तुत करने पर यथा संस्‍वीकृत संपूर्ण व्‍यय राशि की प्रतिपूर्ति एक ही किस्‍त में कर दी जाएगी।

भुगतान का तरीका

सभी भुगतान केवल इलैक्‍ट्रॉनिक अंतरणों के माध्‍यम से ही किए जायेंगे।

मामले पर कार्रवाई करने का समय

आवेदकों को सलाह दी जाती है कि वे यात्रा की तारीख से लगभग तीन माह पूर्व, अग्रिम रूप से आवेदन करें।

विदेशी कलाकारों और सांस्‍कृतिक व्‍यावसायिकों को भारतीय संस्‍कृति (अमूर्त सांस्‍कृतिक विरासत) के किसी रूप का अध्‍ययन करने और / अथवा सीखने के लिए वित्‍तीय सहायता।

इस स्‍कीम का मुख्‍य घटक भारतीय संस्‍कृति के किसी रूप जैसे कि नृत्‍य, संगीत, नाटक, पारम्‍परिक चित्रकला, कोई अन्‍य कला रूप आदि का अध्‍ययन करने/ सीखने के इच्‍छुक विदेशी कलाकारों और सांस्‍कृतिक व्‍यावसायिकों को वित्‍तीय सहायता प्रदान करना है।

इस उद्देश्‍य के लिए विदेशी कलाकार पाठ्यक्रम शुल्‍क और /अथवा प्रशिक्षण के सफलतापूर्वक पूरा होने पर स्‍थानीय खर्चों और वापसी के हवाई किराए का वहन करने के लिए समय-समय पर यथा निर्धारित वजीफे हेतु एकमुश्‍त सहायता अनुदान के पात्र होगें। गुरू/ विद्यालय/ संस्‍थान को भी समय-समय पर यथा निर्धारित राशि का भुगतान किया जाएगा। इस अध्‍ययन की समय अवधि लचीली होगी और यह अल्‍प कालिक और दीर्घकालिक दोनों भिन्‍न माड्यूलों में उपलब्‍ध होगी। इससे दूर-दराज के देशों में भारतीय संस्‍कृति का प्रसार होगा और भारत की समृद्ध संस्‍कृति का वैश्‍विक स्‍तर पर प्रसार होगा।

लक्ष्‍य /लाभ :

इस वित्‍तीय सहायता का उद्देश्‍य विदेशी कलाकारों को वैयक्तिक गुरूओं अथवा इसकी शिक्षा देने वाले मान्‍यता प्राप्‍त संस्‍थानों से संगीत, नृत्‍य, नाटक आदि के क्षेत्र में भारत में अध्‍ययन करने के लिए उन्‍हें सहायता प्रदान करना है। ऐसे व्‍यक्ति / विदेशी कलाकार / छात्र को अपनी पसंद के कलारूप को सीखने का इच्‍छुक होना चाहिए और उसके द्वारा भारत में उस गुरू/ संस्‍थान की पहचान कर ली जानी चाहिए जो उसे सीखाने के लिए तैयार हो। इन कलाकारों को अधिकतम दो वर्षों के लिए सहायता प्रदान की जाएगी और ये लोग बाद में विश्‍व के विभिन्‍न भागों में हमारी संस्‍कृति का प्रसार करने के माध्‍यम के रूप में कार्य करेंगे।

पात्रता

  1. भारतीय कला के किसी रूप को सीखने के इच्‍छुक विदेशी लोग नागरिक ही इस स्‍कीम के अन्‍तर्गत वित्‍तीय सहायता के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे।
  2. आवेदक को उस गुरू / संस्‍थान की पहचान कर लेनी चाहिए जहां से वह सीखना चाहता है और उसे शिक्षा देने के लिए गुरू / संस्‍थान से स्‍वीकृति भी ले लेनी चाहिए। आवेदक के पास गुरू / संस्‍थान/ मेजबान संस्‍थान से पाठ्यक्रम के लिए आवेदक को आमंत्रित करते हुए प्रस्‍ताव / सिफारिश/ अनुमोदन पत्र होना चाहिए।
  3. आवेदक के पास वित्‍तीय सहायता की राशि से ऊपर के खर्चों को वहन करने के लिए सुविधाएं/ संसाधन होने चाहिए।

सहायता की मात्रा

  1. इस अनुदान में 75000/-रू. की अधिकतम राशि के अध्‍यधीन वास्‍तविक आधार पर यात्रा खर्च पर हुए व्‍यय (आवेदक के देश से भारत तक का अन्‍तरराष्‍ट्रीय हवाई किराया), पाठ्यक्रम शुल्‍क और /अथवा स्‍थानीय खर्चों को पूरा करने के लिए वजीफा शामिल होगा।
  2. यह वित्‍तीय सहायता 20,000/- रू. की अधिकतम सीमा तक संबंधित गुरू / संस्‍थान द्वारा यथा निर्धारित एक मुश्‍त राशि (पाठ्यक्रम शुल्‍क और/अथवा वजीफे के व्‍यय को पूरा करने के लिए) होगी जिसे समिति द्वारा निर्धारित और अनुमोदित किया जाएगा।

    यदि कलाकार/ व्‍यक्ति, गुरू /संस्‍थान के साथ रह रहा है तो ऐसे मामलों में आवास शुल्‍क/ वजीफा, गुरू/संस्‍थान की सिफारिशों के अनुसार प्रदान किया जाएगा और यह 2 वर्षों की अधिकतम अवधि के लिए प्रत्‍येक छ: महीने की चार किस्‍तों की विहित अधिकतम सीमा के अध्‍यधीन होगा।

    ऐसे मामलों में जहां कलाकार/ व्‍यक्ति, गुरू/संस्‍थान के साथ नहीं रह रहा तो भुगतान संबंधित क्षेत्र में मौजूदा दर के आधार पर किया जाएगा जो समिति द्वारा यथा निर्धारित महानगरों के लिए अधिकतम 6000/- रू. तथा अन्‍य स्‍थानों के लिए 4000/-रू. की अधिकतम सीमा के अध्‍यधीन होगा।

  3. पाठ्यक्रम/प्रशिक्षण के सफलतापूर्वक सम्‍पन्‍न होने पर तथा इस संबंध में गुरू/संस्‍थान द्वारा प्रमाण-पत्र जारी करने पर आवेदक वापसी के हवाई किराए का भी हकदार होगा (75000रू. की अधिकतम सीमा के अध्‍यधीन रहते हुए वास्‍तविक किराया सूची के अनुसार इकनॉमी क्‍लास)। आवेदक को समिति द्वारा अनुमोदित राशि से अधिक का व्‍यय स्‍वयं वहन करना होगा और धनराशि जारी होने से पहले इस संबंध में बंध पत्र प्रस्‍तुत करना होगा।

भुगतान का तरीका

  1. यह भुगतान अधिकतम चार किस्‍तों में किया जाएगा । इसकी पहली किस्‍त आवेदक द्वारा स्‍वीकृति की प्राप्ति तथा संस्‍थान में उसके दाखिला होने पर गुरू / आवेदक को जारी की जाएगी। गुरू/संस्‍थान द्वारा दी गई निष्‍पादन रिपोर्ट तथा आवश्‍यक होने पर स्‍वतंत्र संस्‍थान की समीक्षा रिपोर्ट के आधार पर छ: महीनों के पूरा होने पर बाद वाली किस्‍ते जारी की जाएगी।
  2. यह भुगतान समिति द्वारा यथा अनुमोदित गुरू/ संस्‍थान और /अथवा व्‍यक्ति को किया जाएगा। यह भुगतान अधिकतम दो वर्षों के लिए छ: मासिक किस्‍तों में किया जाएगा।
  3. 75000/-रू. की अधिकतम सीमा के अध्‍ययधीन, टिकट, वाउचर और बोर्डिंग पास (मूल रूप में) को प्रस्‍तुत करने पर वास्‍तविक हवाई शुल्‍क के आधार पर हवाई यात्रा खर्च की प्रतिपूर्ति कलाकार/व्‍यक्ति को की जाएगी।
  4. संबंधित गुरू/ संस्‍थान से पाठ्यक्रम के सफलतापूर्वक पूरा होने संबंधी प्रमाण-पत्र प्राप्‍त होने पर वापसी के हवाई किराए का भुगतान किया जाएगा जिसके लिए टिकट और वाउचर प्रस्‍तुत करने होंगे।
  5. सभी भुगतान केवल इलेक्‍ट्रॉनिक हस्‍तांतरण के द्वारा ही किए जाएंगे।

आवेदन की प्रक्रिया

  1. आवेदनों पर निर्णय बजट की उपलब्‍धता के आधार पर मामला-दर-मामला तथा पहले-आओ-पहले-पाओ के आधार पर किया जाएगा।
  2. वर्तमान वित्‍तीय वर्ष के दौरान किसी अन्‍य सरकारी संस्‍थान/ (निजी संस्‍थान) से इसी पाठ्यक्रम के लिए अनुदान प्राप्‍त करने वाले व्‍यक्तियों के आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा।
  3. आवेदन पत्र पाठ्यक्रम के शुरू होने से छ: महीने पूर्व प्राप्‍त हो जाने चाहिए ताकि संस्‍कृति मंत्रालय द्वारा इस पर कार्रवाई की जा सके। मामले पर विचार करने के लिए तीन महीने की समय अवधि की आवश्‍यकता होगी।
  4. इस स्‍कीम के अन्‍तर्गत वित्‍तीय सहायता के लिए आवेदन करने के इच्‍छुक व्‍यक्ति अनुलग्‍नक -III पर दिए गए मंत्रालय के विहित प्रपत्र में आवेदन भेजेंगे।
  5. संस्‍कृति मंत्रालय की वेबसाइट तथा प्रिंट मीडिया दोनों में वार्षिक रूप से विज्ञापन दिया जाएगा। वित्‍तीय वर्ष के दौरान किसी भी समय आवेदन किया जा सकता है।
  6. प्राप्‍त आवेदन पत्रों / प्रस्‍तावों तथा वित्‍तीय सहायता की राशि को अन्तिम रूप प्रदान करने के लिए संबंधित संयुक्‍त सचिव की अध्‍यक्षता के अन्‍तर्गत गठित की जाने वाली समिति द्वारा प्रत्‍येक तिमाही की निर्धारित तारीख को सभी रूप से पूर्ण आवेदनों पर विचार किया जाएगा।

    आवेदन पत्रों पर आगे विचार करने से पहले, संस्‍कृति मंत्रालय गुरू /संस्‍थान से आवेदक का सत्‍यापन प्राप्‍त करेगा।]

  7. मंत्रालय केवल पूर्ण आवेदनों पर ही विचार करेगा और अन्तिम निर्णय लिए गए चयनित आवेदकों को ही सूचित करेगा। इसके पश्‍चात आवश्‍यक औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद अनुदान जारी किया जाएगा।
  8. विगत तीन वर्षों में संस्‍कृति के क्षेत्र में आवेदक द्वारा संचालित कार्यकलापों की रिपोर्ट।
  9. आवेदक को उसके आवेदन पत्र पर हुए अंतिम निर्णय (स्‍वीकार करने) के बारे में सूचित किया जाएगा। आवेदक को विहित प्रपत्र में एक क्षतिपूर्ति बधपत्र प्रस्‍तुत करना होगा जिसके पश्‍चात वित्‍तीय और सामान्‍य प्रावधानों के अनुसार निर्धारित अनुदान को जारी किया जाएगा।

आवेदन पत्र के साथ संलग्‍न किए जाने वाले दस्‍तावेज़

  1. गुरू/प्रशिक्षण संस्‍थान/ मेजबान संगठन से पाठ्यक्रम के लिए आवेदक को आमंत्रित करते हुए प्रस्‍ताव/ संस्‍तुति / अनुमोदन पत्र।
  2. गुरू/संस्‍थान का नाम, सम्‍पर्क का पूरा पता, पाठ्यक्रम की अवधि, उक्‍त प्रशिक्षण को चुनने के लिए कारणों तथा भावी लाभों समेत इसमें होने वाला आकलित खर्च (पाठ्यक्रम शुल्‍क, यात्रा घटक आदि) का उल्‍लेख करते हुए आवेदित पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण का संक्षिप्‍त ब्‍यौरा।
  3. आवेदक का परिचय पत्र तथा प्रशिक्षण प्राप्‍त करने में उसकी रूचि तथा वित्‍तीय सहायता के लिए उसकी पात्रता/ योग्‍यता का सत्‍यापन करते हुए भारतीय राजनयिक मिशन से प्रमाण-पत्र।
  4. किसी अन्‍य सरकारी संगठन अथवा निजी संस्‍थान से इसी उद्देश्‍य के लिए वित्‍तीय सहायता प्राप्‍त करने के लिए आवेदक द्वारा किए गए आवेदन के ब्‍यौरे। यदि हां, (क) तत्‍संबंधी ब्‍यौरा और (ख) अनुमोदित राशि, यदि कोई हो।
  5. अनुमोदित धनराशि के इलेक्‍ट्रॉनिक हस्‍तांतरण को सुगम बनाने के लिए बैंक खाते का विवरण।
  6. विगत तीन वर्षों में संस्‍कृति के क्षेत्र में संचालित कार्यकलापों की रिपोर्ट सहित आवेदक द्वारा किए गए सांस्‍कृतिक कार्यों/ लिए गए प्रशिक्षण का उल्लेख करते हुए आवेदक का एक संक्षिप्‍त जीवनवृत्‍त।
  7. आवेदक की आय एवं व्‍यय का विवरण।
  8. क्षतिपूर्ति बंधपत्र।

अंतरराष्‍ट्रीय और देशी पुस्‍तक मेलों एवं अंतरराष्‍ट्रीय कार्यक्रमों में भागीदारी के लिए वित्‍तीय सहायता

इस स्‍कीम घटक का मुख्‍य उद्देश्‍य है अच्‍छी पुस्‍तकों में संवर्धन द्वारा भारतीय संस्‍कृति को लोकप्रिय बनाना।

लक्ष्‍य / लाभ

पुस्‍तकों और पढ़ने की स्‍वस्‍थ आदतों को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय / राष्‍ट्रीय पुस्‍तक मेलों, दुर्लभ प्रकाशनों / पांडुलिपियों/ सरकारी दस्‍तावेज आदि की प्रदर्शनियां, सेमिनार, सम्‍मेलन तथा अन्‍य संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिए वित्‍तीय सहायता का प्रस्‍ताव है। इस स्‍कीम के तहत अंतरराष्‍ट्रीय पुस्‍तक मेलों में भाग लेना भी शामिल है। सोसाइटियों, न्‍यासों, विश्‍वविद्यालयों, प्रकाशकों तथा पुस्‍तक व्‍यापार एसोसिएशनों सहित गैर लाभार्थी संगठन भी अनुदान के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। जिन प्रख्‍यात लेखकों और प्रकाशकों को साहित्यिक उत्‍सवों / पुस्‍तक मेलों जैसे अंतरराष्‍ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लेने हेतु आमंत्रित किया गया है, वे भी इस स्‍कीम के तहत अनुदान के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। तथापि, यह स्‍कीम, ऐसे संगठनों या संस्‍थाओं के लिए नहीं है जो धार्मिक संस्‍थाओं, या स्‍कूलों / कॉलेजों के रूप में कार्य कर रही हैं।

अनुदान की इच्‍छा रखने वाले संगठन सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम (1860 का XXI-साहित्यिक, वैज्ञानिक और धर्मार्थ सोसाइटियों के पंजीकरण का अधिनियम), न्‍याय अधिनियम, कंपनी अधिनियम या किसी केन्‍द्रीय अथवा राज्‍य अधिनियम के अधीन लगभग तीन वर्ष से कार्यरत और पंजीकृत होने चाहिए।

पात्रता

अंतरराष्‍ट्रीय कार्यक्रमों में भागीदारी हेतु वित्‍तीय सहायता के अंतर्गत सामान्‍यत : इकॉनॉमी क्‍लास हवाई यात्रा का किराया, भोजन व्‍यवस्‍था एवं आवास (यानि कि प्रति दिन) प्रभार कवर किए जाएंगे जो वर्तमान सरकारी दरों के अनुसार होंगे। पुस्‍तकों और अन्‍य प्रदर्शों की पैकिंग और जहाज से माल भेजने तथा बीमा प्रभार (जहां भी लागू हों) भी शामिल किए जाएंगे।

  1. अनुदान हेतु पात्र होने के लिए ओवदनकर्ता संगठन के पास एक उचित रूप से गठित प्रबंधन निकाय या शासी परिषद होने चाहिए जिसकी शक्तियां, दायित्‍व और जिम्‍मेदारियां लिखित संविधान के रूप में स्‍पष्‍ट रूप से परिभाषित और निर्धारित की गई हों।
  2. अनुदान प्राप्‍तकर्ता संगठन द्वारा परियोजना लागत के लगभग 25 प्रतिशत तक के समतुल्‍य संसाधनों को नियोजित या योजनाबद्ध किया गया हो।
  3. संगठन के पास उस कार्यक्रम / परियोजना को आरंभ करने के लिए सुविधाएं, संसाधन, कार्मिक और कार्यानुभव होना चाहिए जिसके लिए अनुदान की आवश्‍यकता है।
  4. जिस कार्यक्रम के लिए आवेदन किया गया है उस कार्यक्रम के आयोजन या भागीदारी के पूर्व अनुभव को प्राथमिकता दी जाएगी।
  5. जिन प्रख्‍यात लेखकों और प्रकाशकों को पुस्‍तक मेलों, साहित्यिक उत्‍सवों और अन्‍य अंतरराष्‍ट्रीय कार्यक्रमों में शोध पत्र आदि प्रस्‍तुत करने हेतु आमंत्रित किया गया हो, वे भी इस स्‍कीम के तहत अनुदान प्राप्‍त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

सहायता प्रदान किए जाने वाले कार्यकलापों के प्रकार तथा सहायता राशि की मात्रा

  1. पठन को संवर्धित करने के प्रयोजन से सामान्‍यत: शीतऋतु के दौरान पूरे देश भर में पुस्‍तक मेलों / प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है। दिल्‍ली, कोलकाता, पटना, चेन्‍नई और कुछ अन्‍य राज्‍यों की राजधानियों में मुख्‍यत: बड़े वार्षिक पुस्‍तक मेले आयोजित किए जाते हैं।
  2. भारत और विदेशों में दुर्लभ पुस्‍तकों, पांडुलिपियों, दुर्लभ सरकारी दस्‍तावेज आदि की प्रदर्शनी सहित पुस्‍तक मेलों, पुस्‍तक प्रदर्शनियों और संबंधित कार्यक्रमों के आयोजन के लिए वित्‍तीय सहायता प्रदान की जा सकती है।
  3. प्रकाशकों की एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों सहित फ्रैंकफर्ट, लंदन, बीजिंग और मॉस्‍को जैसे शहरों में आयोजित अंतरराष्‍ट्रीय पुस्‍तक मेलों में भागीदारी।
  4. भारत और विदेशों में पुस्‍तक पठन / चर्चा सत्र, साहित्यिक उत्‍सव, प्रश्‍नोत्‍तरी कार्यक्रमों के साथ-साथ पुस्‍तक प्रकाशन, बाल साहित्‍य, क्षेत्रीय भाषाओं आदि में प्रकाशन की प्रवृत्ति पर सेमिनार और सम्‍मेलन।

सहायता की राशि :

उपरोक्‍त अनुच्‍छेद 3.2 उप-अनुच्‍छेद (v) में यथा उल्लिखित विशिष्‍ट परियोजना अनुदान कुल व्‍यय के 75 प्रतिशत तक सीमित होगा जो प्रति कार्यक्रम अधिकतम 10.00 लाख रू. की सीमा के अध्‍यधीन होगा। सहायता की राशि विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों पर निर्भर करेगी।

आवेदन प्रक्रिया :

इस स्‍कीम के अंतर्गत वित्‍तीय सहायता के लिए आवेदन करने के इच्‍छुक संगठन विहित प्रपत्र में (अनुलग्‍नक IV और V जो भी लागू हो) आवेदन भेजेंगे।

संस्‍कृति मंत्रालय की वेबसाइट तथा प्रिंट मीडिया दोनों में वार्षिक रूप से विज्ञापन दिया जाएगा। वित्‍तीय वर्ष के दौरान किसी भी समय (विज्ञापन में यथा उल्लिखित विहित प्रक्रिया के अनुसार) आवेदन किया जा सकता है।

यह आवेदन पत्र किसी राष्‍ट्रीय अकादमी अथवा भारत सरकार के अधीन किसी अन्‍य संस्‍कृति संबंधी संगठन अथवा संबंधित राज्‍य सरकार / संघ राज्‍य क्षेत्र प्रशासन/ राज्‍य अकादमी / विदेश स्थित भारतीय मिशनों द्वारा संस्‍तुत होना चाहिए।

आवेदन के साथ प्रस्‍तुत किए जाने वाले दस्‍तावेज

  1. संगठन की संरचना
  2. शासी निकाय अथवा प्रबंधन बोर्ड का संघटन और प्रत्‍येक सदस्‍य संबंधी ब्‍यौरे
  3. अद्यतन उपलब्‍ध वार्षिक रिपोर्ट की प्रति
  4. निम्‍नलिखित को शामिल करते हुए एक विस्‍तृत परियोजना रिपोर्ट ;
    1. जिस परियोजना के लिए सहायता चाहिए उस परियोजना का संक्षिप्‍त ब्‍यौरा जिसमें इसकी अवधि, स्‍थान, संभावित और सटीक तारीखे तथा इस क्षेत्र में संगठन के विगत अनुभव के अन्‍य ब्‍यौरे साथ में दिए गए हो।
    2. आवर्ती तथा गैर आवर्ती व्‍यय का अलग-अलग मद वार ब्‍यौरा प्रदान करते हुए परियोजना का वित्‍तीय विवरण।
    3. उस स्रोत का उल्‍लेख जहां से सदृश धनराशि प्राप्‍त की जाएगी।
  5. आवेदक अथवा संगठन का आय एवं व्‍यय संबंधी विवरण तथा विगत तीन वर्षों के सनदी लेखाकार अथवा सरकारी लेखा परीक्षक द्वारा सत्‍यापित तुलन पत्र की एक प्रति।
  6. समुचित मूल्‍य के स्‍टाम्‍प पेपर पर विहित प्रपत्र एक क्षतिपूर्ति बंध पत्र।
  7. अनुमोदित अनुदान के इलेक्‍ट्रॉनिक हस्‍तांतरण को सुलभ बनाने के लिए बैंक खाते के विवरण।

लेखांकन प्रक्रियाएं

  1. केन्‍द्र सरकार द्वारा जारी किए गए अनुदान के संबंध में पृथक लेखाओं का रख-रखाव किया जाएगा ;
  2. अनुदान प्राप्‍तकर्ता संगठन के लेखा भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक अथवा उनके विवेकानुसार उनके नामिती के द्वारा किसी भी समय लेखा-परीक्षा के लिए उपलब्‍ध रहेंगे।
  3. अनुदान प्राप्‍तकर्ता संगठन अनुमोदित परियोजना पर हुए खर्च को दर्शाते हुए तथा पूर्व वर्षों में सरकारी अनुदान के उपयोग का उल्‍लेख करते हुए सनदी लेखाकार द्वारा लेखा परीक्षित लेखाओं का विवरण भारत सरकार को प्रस्‍तुत करेगा। यदि निर्धारित अवधि के भीतर उपयोग प्रमाण-पत्र प्रस्‍तुत किया जाता तो जब तक सरकार द्वारा कोई विशेष छूट न दी गई हो, वह तुरंत प्राप्‍त अनुदान की राशि को उस पर भारत सरकार की मौजूदा ब्‍याज दर के साथ वापस लौटाने की व्‍यवस्‍था करेगा।
  4. जब कभी भी सरकार को आवश्‍यक प्रतीत हो, अनुदान प्राप्‍तकर्ता संगठन भारत सरकार, संस्‍कृति मंत्रालय द्वारा समिति के नियुक्‍त करने अथवा भारत सरकार द्वारा निर्धारित किसी अन्‍य तरीके के माध्‍यम से समीक्षा के लिए खुला रहेगा।
  5. अनुदान प्राप्‍तकर्ता संगठन विदेश मंत्रालय की पूर्व अनुमति के बिना किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल और व्‍यक्ति को आमंत्रित नहीं करेगा। इस प्रकार की अनुमति के आवेदन केवल संस्‍कृति मंत्रालय के माध्‍यम से भेजे जाएंगे।
  6. अनुदान प्राप्‍तकर्ता समय-समय पर सरकार द्वारा लागू अन्‍य शर्तों के अध्‍यधीन होगा।

किस्‍त :

यह अनुदान कुल अनुमोदित राशि की 75 प्रतिशत (प्रथम किस्‍त) और 25 प्रतिशत (दूसरी किस्‍त) की दो किस्‍तों में जारी किया जाएगा।

भुगतान का तरीका :

सभी भुगतान केवल इलेक्‍ट्रॉनिक हस्‍तांतरण के माध्‍यम से ही किए जाएंगे।

स्‍कीम का आउटपुट :

संस्‍कृति मंत्रालय से प्राप्‍त वित्‍तीय सहायता से अनुदान प्राप्‍तकर्ता संगठन/ व्‍यक्ति द्वारा आयोजित किए गए/ भाग लिए गए कार्यक्रमों/ समारोह के विवरण का उल्‍लेख करने वाली एक रिपोर्ट एक महीने की अवधि के भीतर दो प्रतियों में प्रस्‍तुत की जानी चाहिए।

मामलों पर कार्रवाई करने में लगने वाला समय :

मामलों पर कार्रवाई करने के लिए दो महीने की समय अवधि लगेगी। आवेदकों को सलाह दी जाती है कि वे कार्यक्रम के शुरू होने से कम से कम तीन महीने पहले अग्रिम रूप में आवेदन करें।

नोट : किसी तरह की पैरवी करने पर आवेदक को अनुदान हेतु अयोग्‍य घोषित कर दिया जाएगा।

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