अप्रैल, 2006 में, संस्कृति मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के पूर्व - राज्यपाल, श्री गोपाल कृष्ण गांधी की अध्यक्षता में गांधी विरासत स्थल पैनल गठित किया था। इस पैनल ने 26 नवम्बर, 2008 को मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की ; जिसे सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट में महात्मा गांधी द्वारा भ्रमण किए गए 39 मुख्य स्थलों और 2000 स्थलों वाले एक मास्टर सूची की पहचान करते हुए यह अनुशंसा की कि 39 मुख्य स्थलों और मास्टर सूची से कुछ और महत्वपूर्ण स्थलों को भावी पीढ़ी के लिए संरक्षित किया जाना अपेक्षित है। पैनल ने 5 वर्ष की निर्धारित अवधि के साथ ''गांधी विरासत स्थल मिशन'' स्थापित करने की अनुशंसा की।
व्यापक रूप से, मिशन के कार्य निम्नानुसार परिकल्पित किए गए थे :-
- ‘गांधी विरासत’ सामग्री पर इसके प्रबंधन और परिनियोजन के लिए जानकारी का पता लगाना, परितुलन करना और इसका मूल्यांकन करना।
- निम्नलिखित के लिए,संरक्षण पद्धति और प्राथमिकताओं का निर्धारण:
- विशेष रूप से अभिलेखीय भंडारण और कला विज्ञान की दृष्टि से संग्रहीत अभिलेख: दस्तावेज और पुरावस्तुएं।
- वास्तविक संरचनाएं और स्थल तथा उनके अनुवर्ती रखरखाव के लिए दिशानिर्देश।
- निम्नलिखित के माध्यम से 1 और 2 से प्रासंगिक जानकारी के आधार पर, सामग्री का प्रसार:
- वेब आधारित पोर्टल
- प्रकाशन, श्रव्य/दृश्य (सीडी, डिजीटल प्रिंट आदि)
- कार्य और प्रयोग तथा स्थल का महत्व – जहां आवश्यक है – विनिर्दिष्ट करते हुए मुख्य साइटों के माध्यम से ‘’संचार’’
भारत सरकार ने 29 जुलाई,2013को गांधी विरासत स्थल मिशन की स्थापना की। श्री शैलेश कुमार बंदोपाध्याय को इस मिशन के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है और प्रो. त्रिदीप सुहरूद, श्री कार्तिकेय साराभाई, डा. सुदर्शन अयंगर, श्री अनुपम मिश्र, प्रो. शाहिद अमीन और प्रो. वेणु माधव गोविन्दु सदस्यों के रूप में शामिल हैं।
मिशन सचिवालय की अध्यक्षता भारत सरकार के संयुक्त सचिव द्वारा की जाएगी, जो मिशन के सचिव के रूप में कार्य करेंगे। मिशन का मुख्यालय नई दिल्ली में अवस्थित होगा। राज्य सरकारों के साथ संबंधों को सुदृढ़ करने और मिशन की परियोजनाओं के कार्यान्वयन का समन्वयन करने के लिए संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों (उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम और मध्य क्षेत्र) को मिशन के साथ सम्बद्ध किया जाएगा।
गांधी विरासत स्थल मिशन की अनुशंसाओं के अनुसरण में, भारत सरकार द्वारा गांधी विरासत पोर्टल की स्थापना की गई है। इस पोर्टल को मंत्रालय की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया गया है और इसे साबरमती आश्रम संरक्षण और स्मारक ट्रस्ट (एसएपीएमटी), अहमदाबाद द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। यह ट्रस्ट इस पोर्टल का रख-रखाव भी करता है। भारत और विदेश में महात्मा गांधी से संबंधित दस्तावेजों को संकलित किया जा रहा है और पोर्टल पर प्रदर्शित किया जा रहा है, जो गांधी जी के जीवन और उपलब्धियों के संबंध में एक इलेक्ट्रॉनिक पुस्तकालय के रूप में कार्य करेगा। इस पोर्टल का मुख्य उद्देश्य, समुचित शोध कार्य के साथ और प्रामाणिक तरीके से उनकी अमूल्य विरासत का संरक्षण करना और इसे कायम रखना है। संस्कृति मंत्रालय ने एसएपीएमटी, अहमदाबाद को 7.5 करोड़ रू. की संचित निधि निर्मुक्त की है। इस पोर्टल का शुभारंभ 2 सितम्बर, 2013 को माननीय प्रधान मंत्री द्वारा किया गया था।
गांधी विरासत स्थल मिशन अपने विचारार्थ विषय से संबंधित परियोजनाएं शुरू करेगा। 5 वर्ष तक की अवधि (2013-14 से 2018-19) के लिए मिशन हेतु 42.00 करोड़ रू. की राशि मंजूर की गई है।