संस्कृाति मंत्रालय 1961 से साहित्य कला और जीवन के ऐसे ही अन्य क्षेत्रों में दीन-हीन परिस्थितियों में रह रहे विशिष्ट व्यक्तियों एवं उनके आश्रितों को वित्तीय सहायता नामक स्कीम चला रहा है। एक राष्ट्रीय कलाकार कल्याण निधि का प्रावधान करने के लिए इस स्कीम के दायरे को बढ़ाया जा रहा है जो अस्पताल में भर्ती होने तथा तत्कालिक कदम उठाए जाने वाली अन्य आकस्मिकताओं के मामलों में इस स्कीम के अंतर्गत शामिल कलाकारों और कलाकारों के आश्रितों को विशेष वित्तीय सहायता प्रदान करने की अनुमति देगा।
उद्देश्य
इस निधि का उद्देश्य इस स्कीम के अतंर्गत वित्तीय सहायता पाने वाले कलाकारों तथा कलाकार की मृत्यु के पश्चात उसके आश्रितों को निम्नानुसार वित्तीय सहायता प्रदान करना होगा
- जब एक कलाकार की मृत्यु हो जाए और उसके आश्रितों की सहायता करना आवश्यक हो।
- जब इस स्कीम के अंतर्गत शामिल कलाकार को चिकित्सा उपचार/बीमारी के लिए एकमुश्त वित्तीय सहायता की आवश्यकता हो और वह अपनी आजीविका चलाने तथा अपने बच्चों की सहायता करने की स्थिति में न हो और/अथवा अपने इलाज के खर्चों को पूरा करने में असमर्थ हो।
- जब किसी कलाकार को आकस्मिक शारीरिक विकलांगता के समय वित्तीय सहायता की आवश्यकता हो।
निधि से सहायता प्राप्त करने के लिए पात्रता
- इस स्कीम के अंतर्गत वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले कलाकार तथा कलाकार की मृत्यु के पश्चात कलाकार पर आश्रित व्याक्ति।
- कलाकार की मृत्यु होने पर परिवार के आश्रित सदस्यों को वित्तीय सहायता का तरीका निम्नानुसार होगा :
- पति अथवा पत्नी - कलाकार की मृत्यु के पश्चात आवश्यकता की स्थिति में सर्वप्रथम वित्तीय सहायता कलाकार के पति अथवा पत्नी को प्रदान की जाएगी।
- आश्रितों के लिए- विवाह होने अथवा रोजगार प्राप्त करने अथवा 21 वर्ष की आयु होने तक जो भी पहले हो।
वित्तीय सहायता की सीमा :
प्रदान की गई वित्तीय सहायता गैर-आवर्ती प्रवृत्ति की होगी तथा किसी भी अवसर पर वित्तीय सहायता की राशि निम्नलिखित सीमा तक सीमित होगी :-
उपरोक्त 10.2 (क) में उल्लेखानुसार कलाकार की मृत्यु की स्थिति में- 2 लाख रुपए।
उपरोक्त 10.2 (ख) में उल्लेखानुसार चिकित्सा उपचार हेतु- 1 लाख रुपए।
उपरोक्त 10.2 (ग) में उल्लेखानुसार आकस्मिक शारीरिक विकलांगता के कलाकार को वित्तीय सहायता की आवश्यकता होने पर- 50,000/- रुपए।
निधि का प्रशासन :-
निधि का समग्र प्रशासन संस्कृति मंत्रालय के पास निहित होगा। यह सहायता विशेषज्ञ समितियों की सिफारिश के आधार पर मंत्रालय अथवा संबंधित क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र (जेडसीसी) द्वारा संस्वीकृत किया जाएगा। संशोधित मार्गदर्शी सिद्धांत इस का. ज्ञा. के जारी होने की तारीख अर्थात् 20.10.2015 से प्रभावी होगा।