इस स्कीम का उद्देश्य संग्रहालयों के कार्मिकों द्वारा हासिल उपलब्धियों को मान्यता प्रदान करना है ताकि उन्हें उत्कृष्टता की दिशा में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए सके।
- इस पुरस्कार के लिए विचार किए जाने वाला कार्मिक इस स्कीम के अंतर्गत किसी संग्रहालय में नियमित रूप से कार्य करने वाला कर्मचारी होना चाहिए।
- ऐसे कार्मिक ने संग्रहालय से जुड़े क्षेत्र/विषय में असाधारण कार्य किया होना चाहिए अथवा वह सर्वोत्तम कार्य व्यवहारों के विकास में अग्रणी रहा हो।
- ऐसे अधिकारी/कार्मिक द्वारा किए गए असाधारण कार्य अथवा विकसित सर्वोत्तम कार्य व्यवहारों का आगन्तुकों की संख्या या राजस्व सृजन में अपेक्षित बढ़ोत्तरी से सीधे संबंध होना चाहिए अथवा इसके परिणामस्वरूप संबंधित संग्रहालय की लोगों में प्रशंसनीय स्थिति स्थापित होनी चाहिए।
- संवीक्षा समिति द्वारा संग्रहालय के स्तर पर विगत वित्तीय वर्ष में वांछित परिणामों को हासिल करने में संबंधित अधिकारी/कार्मिक द्वारा किए गए कार्य अथवा विकसित कार्य व्यवहारों को संस्तुत किया जाना चाहिए तथा इस समिति की संरचना निम्नानुसार होगी-
- संगठन के अध्यक्ष
- दो वरिष्ठत्तम संग्राध्यक्ष/संग्रहालय कार्मिक
- वांछित परिणामों को हासिल करने में संबंधित अधिकारी/कार्मिक द्वारा किए गए कार्य अथवा विकसित कार्य व्यवहारों के संबंध में संवीक्षा समिति द्वारा की गई सिफारिश को मंत्रालय में विचार करने के लिए अग्रेषित करने से पहले संगठन के अध्यक्ष द्वारा विधिवत प्रमाणित किया जाएगा। यह उल्लेखनीय है कि संग्रहालय द्वारा किसी वर्ष विशेष में पांच नामों से अधिक नाम नहीं भेजे जाने चाहिए।
- पिछले वित्तीय वर्ष की प्रविष्टियों को वर्तमान वर्ष के मई माह की 15 तारीख तक मंत्रालय को भेज दिया जाना चाहिए। चयन समिति को 15 जुलाई तक अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप दे देना चाहिए और सचिव, संस्कृति को सिफारिशें भेज दी जानी चाहिए। यह प्रमाण पत्र 15 अगस्त को प्रदान किया जाना चाहिए।
- ऐसे कार्मिक जिन्हें इस स्कीम के घटक के अंतर्गत यह सम्मान प्रदान किया गया है, वह कार्मिक, जिस वर्ष उसे पुरस्कार प्रदान किया गया है उस वर्ष से शुरू करते हुए अगले तीन सालों तक नामांकन के लिए पात्र नहीं होगा। यह बात तब लागू नहीं होगी जब असाधारण कारण मौजूद हों और इन कारणों को संवीक्षा समिति द्वारा विधिवत दर्ज किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए एक कार्मिक जिसे वर्ष 2015-16 में पुरस्कार दिया गया है, वह वर्ष 2019-20 से पहले अगले पुरस्कार के लिए आवेदन करने हेतु पात्र नहीं होगा।
यह स्कीम वार्षिक रूप से कार्यान्वित की जाएगी। देश भर के सभी संग्रहालयों से संबंधित संग्रहालयों के अध्यक्षों द्वारा विधिवत संस्तुत नामांकनों को आमंत्रित किया जाएगा।
एक चयन समिति द्वारा देश भर के विभिन्न संग्रहालयों के विभागाध्यक्षों के हस्ताक्षर से प्राप्त उत्कृष्टता प्रमाणपत्र संबंधी नामांकनों की जांच की जाएगी। इस समिति की संरचना निम्नानुसार होगी।
- संयुक्त सचिव (संग्रहालय)
- निदेशक (संग्रहालय)
- निदेशक (आईएफडी)
- संस्कृति मंत्रालय के अधीन संग्रहालय/संस्थानों के दो संगठन प्रमुख (वार्षिक चक्रण पद्धति द्वारा)
विभिन्न संग्रहालयों से प्राप्त कर्मचारियों के नामों पर विचार करने के पश्चात समिति ऐसे नामों की सिफारिश करेगी, जो उसकी राय में प्रमाणपत्र प्रदान किए जाने के लिए योग्य हैं और यह अंतिम अनुमोदन के लिए सचिव (संस्कृति) को अपनी सिफारिश प्रस्तुत करेगी।
‘’उत्कृष्टता प्रमाणपत्र सचिव संस्कृति के हस्ताक्षर से जारी किया जाएगा।‘’