- अनुभाग अधिकारी (एसएण्ड अनुभाग ) कमरा नं. 211, द्वितीय तल, पुरातत्व भवन, डी-ब्लॉक, जीपीओ कॉम्प्लेक्स, आईएनए, नई दिल्ली- 110023, फोन नं. 011-24642157 अथवा ई-मेल- scholar-culture[at]nic[dot]in
- निदेशक, सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र, 15-ए, सेक्टर-7, द्वारका, नई दिल्ली-110075, फोन नं. 25074256 अथवा ई-मेल- dir[dot]ccrt[at]nic[dot]in
सृजनात्मक कलाओं के क्षेत्रों में सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की समीक्षा करने से पता चला है कि षिक्षाविदों, वैज्ञानिकों के लिए संस्थागत ढांचा तथा विष्वविद्यालय अनुदान आयोग और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद द्वारा शुरू की गई षिक्षावृत्तियों (फेलोषिप) के माध्यम से स्वतंत्र रूप से कार्य करने के पर्याप्त अवसर हैं, सृजनात्मक कला के क्षेत्रों में अथवा हमारे कुछ पारम्परिक कलारूपों को पुनर्जीवित करने के लिए इस प्रकार की कोई योजना नहीं है, जिसके माध्यम से इस प्रकार की
सुविधाएं और अवसर प्रदान किए जाते हों। संभवतः वित्तीय सुरक्षा से युक्त स्वतंत्र वातावरण से इन क्षेत्रों में और अधिक कार्य करने के लिए अपेक्षित अनुकूल वातावरण प्रदान किया जा सकता है। यह भी पाया गया है कि 10-14 वर्षों के आयु-वर्ग (सांस्कृतिक प्रतिभा शोध शिक्षावृत्ति योजना) तथा 18-25 वर्षों के आयु-वर्ग (विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों में युवा कलाकार हेतु शिक्षावृत्ति योजना) के व्यक्तियों के लिए स्कीम हैं, लेकिन हमारे कुछ पारम्परिक कला-रूपों को पुनर्जीवित करने की बाबत अत्यधिक उन्नत प्रषिक्षण अथवा वैयक्तिक सृजनात्मक प्रयास के लिए बुनियादी वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली कोई स्कीम नहीं है। इस कमी को दूर करने के लिए विभिन्न सृजनात्मक क्षेत्रों के उत्कृष्ट व्यक्तियों को अध्येतावृत्ति (फेलोषिप) प्रदान करने की स्कीम चलाने का निर्णय लिया गया है। इस स्कीम में ग्रामीण/जनजातीय क्षेत्रों के कलाकार भी शामिल होंगे।
ये अध्येतावृत्तियां अनुसंधान उन्मुख परियोजनाएं शुरू करने के लिए प्रदान की जाती हैं। आवेदक को परियोजना प्रारंभ करने के संबंध में अपनी योग्यताओं का साक्ष्य प्रस्तुत करना चाहिए।
अध्येतावृत्तियां, प्रषिक्षण प्रदान करने, कार्यषालाएं, सेमिनार आयोजित करने, अथवा स्मरणों को लिपिबद्ध करने/अथवा आत्मकथा, कथा साहित्य आदि लिखने के लिए नहीं प्रदान की जाती हैं।
- मंच, साहित्यिक व रूपंकर कलाओं के क्षेत्र में वरिष्ठ/कनिष्ठ अध्येतावृतियां
- मंच कलाएँ (संगीत/नृत्य/रंगमंच लोक, कठपुतली सहित परंपरागत एवं स्वदेशी-कलाएँ)
- साहित्यिक कलाएँ (यात्रा-विवरण/ साहित्य का इतिहास और सिद्धांत)
- रूपंकर कलाएँ (लेखाचित्र-कला/मूर्तिकला/लोक चित्रकला सहित चित्रकला और परंपरागत पेंटिंग्स पर शोध कार्य सृजनात्मक फोटोग्राफी)
- संस्कृति से संबंधित नए क्षेत्रों में वरिष्ठ/कनिष्ठ अध्येतावृत्तियाँ
निम्नलिखित क्षेत्रों में ‘‘संस्कृति से सम्बद्ध नए क्षेत्रों'' में परियोजनाएं आमंत्रित हैं:
- भारत विद्या
- पुरालेखशास्त्र
- संस्कृति का समाजशास्त्र
- सांस्कृतिक अर्थशास्त्र
- स्मारकों के संरचनात्मक और इंजीनियरी पहलू
- मुद्रा शास्त्र
- संरक्षण के वैज्ञानिक और तकनीकी पहलू
- कला और विरासत के प्रबंधन पहलू
- संस्कृति और सृजनात्मकता के क्षेत्रों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग से संबंधित अध्ययन इनका उद्देष्य कला और संस्कृति से संबंधित क्षेत्रों में समकालीन मुद्दों में नई शोध तकनीकों, प्रौद्योगिकीय और प्रबंधन सिद्धांतों के विश्लेषणात्मक अनुप्रयोग को प्रोत्साहन देना है। सामान्य और सैद्धांतिक वृहत् अध्ययनों पर विचार किया जाएगा।
प्रस्ताव, नवीन और अनुप्रयोग उन्मुख और वरीयतः अन्तर-विधा किस्म का होना चाहिए।
इस स्कीम को ‘संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट व्यक्तियों को अध्येतावृत्तियां प्रदान करने की स्कीम’ के नाम से जाना जायेगा।
अध्येतावृत्तियों की संख्या प्रत्येक वर्ष 400 होगी। ये दो प्रकार की अध्येतावृत्तियां हैंः वरिष्ठ और कनिष्ठ अध्येतावृत्तियां। वरिष्ठ अध्येतावृत्तियों की संख्या 40 वर्ष और इससे अधिक आयु समूह के कलाकारों के लिए प्रतिमाह 20,000/- रू. की दर से 200 होगी जबकि 25-40 वर्ष की आयु समूह के कलाकारों के लिए प्रतिमाह 10,000/- रू. की दर से कनिष्ठ अध्येतावृत्तियों की संख्या 200 होगी। आयु की गणना प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल से की जाएगी।
इसके अलावा, चुनिंदा परियोजना दस्तावेजों के प्रकाशन की लागत के अधिकतम 20,000/- रू. या 50 प्रतिशत तक, जो भी कम हो, की एक बारगी दिया जाने वाला अनुदान हो सकता है। इसे अनुदानप्राप्तकर्ताओं के 20 प्रतिशत तक सीमित किया जाएगा।
वरिष्ठ अध्येतावृत्ति के लिए आवेदक, अभावग्रस्त परिस्थितियों में विद्यमान कलाकारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना के अंतर्गत संस्कृति मंत्रालय से पेंशन प्राप्तकत्र्ता नहीं होना चाहिए।
आवेदक, इससे पहले सदृश अध्येतावृत्ति का लाभ नहीं लिया होना चाहिए। तथापि, जिस आवेदक को कनिष्ठ अध्येतावृति प्रदान की गई हो, वह वरिष्ठ अध्येतावृत्ति के लिए आवेदन कर सकता है बशर्तें कि पहली परियोजना पूरा होने के बाद 5 वर्ष का समय बीत चुका हो।
स्कीम के पैरा II (ख) में सूचीबद्ध क्षेत्र/दायरे में पात्रता के लिए न्यूनतम शैक्षिक अर्हता स्नातक है।
वरिष्ठ और कनिष्ट अध्येतावृतियों के तहत प्राप्तकर्ता को छमाही प्रगति रिपोर्ट जमा करानी होगी। ऐसी रिपोर्ट समय से प्राप्त न होने पर अध्येतावृति राशि मंत्रालय द्वारा रोकी जा सकती है। रोजगार प्राप्त आवेदकों को उचित माध्यम से आवेदन करना होगा।
चुने गए उम्मीदवारों को उन परियोजनाओं के संबंध में शैक्षिक अथवा अनुप्रयोग उन्मुख अनुसंधान कार्य आयोजित करना होगा जिसके लिए उन्हें अध्येतावृत्तियां प्रदान की गई हैं। उन्हें अपनी परियोजना दो वर्ष के अंदर पूरी करनी होगी और उसे इस मंत्रालय को प्रस्तुत करना होगा। सरकार की ओर से अतिरिक्त वित्तीय जिम्मेदारी के बिना अधिकतम तीन माह तक समयवृद्धि की अनुमति होगी।
प्रत्येक मामले में एक वर्ष बाद सत्र के बीच में निष्पादन की समीक्षा/मूल्यांकन किया जाएगा और अध्येतावृत्ति का आगे जारी रहना इस समीक्षा/मूल्यांकन पर निर्भर करेगा।
- आवेदन पत्र, सांस्कृतिक संसाधन तथा प्रषिक्षण केन्द्र (सीसीआरटी), प्लाॅट नं. 15, सेक्टर-7, द्वारका, नई दिल्ली - 110075 द्वारा समय - समय पर प्रकाषित विज्ञापन के अनुसार, केवल ऑनलाइन ही प्रस्तुत किए जा सकते हैं।
- यदि आवेदक केन्द्रीय/राज्य सरकार के विभागों/संस्थाओं/उपक्रमों/विष्वविद्यालयों इत्यादि में कार्यरत हैं, तो अध्येतावृत्ति के लिए चयन होने पर उन्हें दो वर्ष की अवधि का अवकाश लेना होगा। उन्हें अध्येतावृत्ति के अपने आवेदन को विभाग/संस्था/उपक्रम/विष्वविद्यालय इत्यादि के प्रमुख के माध्यम से इस लिखित आष्वासन के साथ प्रेषित करना चाहिए कि अध्येतावृत्ति के मंजूर होने पर उम्मीदवारों को अध्येतावृत्ति की अवधि के लिए अवकाश प्रदान किया जाएगा। लागू अन्य शर्तों के अतिरिक्त अवकाश मंजूर होने का प्रमाण प्रस्तुत करने पर अध्येतावृत्ति की प्रथम किस्त जारी की जाएगी।
- संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की विशेषज्ञ समिति गठित की जाएगी जो प्रथम चरण में सभी आवेदनों की जांच करेगी और उनमें से विभिन्न क्षेत्रों में उम्मीदवारों के अपेक्षाकृत संख्या में संभावित चयन के लिए सर्वाधिक उत्कृष्ठ उम्मीदवारों की लघु सूची बनाएगी।
- विशेषज्ञ समिति द्वारा लघु सूची में रखे गए कनिष्ट अध्येतावृत्ति उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा, जो फिर उनमें से विभिन्न क्षेत्रों में अपेक्षाकृत संख्या में कनिष्ठ अध्येतावृत्ति के लिए सर्वाधिक उत्कृष्ठ उम्मीदवारों को चुनेगी। वरिष्ठ अध्येतावृत्तियों के मामले में ऐसा साक्षात्कार आवश्यक नहीं होगा।
इस स्कीम के अंतर्गत अनुमोदित सभी पुरस्कारों की राशि केन्द्र सरकार द्वारा सीधे संवितरित की जाएगी।